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चलो कृष्ण अब चलो कृष्ण

बहुत देर से रुके हुए हो  चलो कृष्ण आज चलते हैं | बहुत कह लिया बेगानों से  चलो कृष्ण आज अपनों को सुनते हैं |  बहुत रह लिए किराये के घोंसलों में चलो कृष्ण आज दिल ढूँढ़ते हैं | बहुत शोर है यहाँ सब तरफ़  चलो कृष्ण आज अपने गीत गुनगुनाते हैं |  बहुत उम्मीद से लोग नाम लेते हैं चलो कृष्ण आज लिख ही देते हैं | बहुत बहुत हो लिया  चलो कृष्ण अब चलो कृष्ण !!!!  

दरवाज़े

दरवाज़ों पर लिखी हुई इबारते मिटा देना । मेरे कमरे में रखी हुई वह किताब हटा देना ॥ छुपा देना पैमाने, बुझा देना उन शामों को । मेरे जाने के बाद सब निशान मिटा देना दोस्तों ॥